जानिए दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है Durga Puja Kyu Manaya Jata Hai, Durga puja kab hai, Durga puja history
हिन्दू देवी दुर्गा माता की बुराई के प्रतीक राक्षस महिषासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है।
दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है: दुर्गा पूजा एक हिंदू त्योहार है जो शक्ति, या देवी दुर्गा की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह भारत, बांग्लादेश और नेपाल के कई हिस्सों में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। दुर्गा पूजा नवरात्रि के दौरान मनाया जाता है, जो नौ दिनों का एक त्योहार है जो हर साल सितंबर या अक्टूबर में आता है। दुर्गा पूजा के दौरान, लोग देवी दुर्गा की मूर्तियों को स्थापित करते हैं और उन्हें पूजा करते हैं। वे देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप करते हैं और भोजन और प्रसाद चढ़ाते हैं। दुर्गा पूजा के समापन पर, लोग देवी दुर्गा की मूर्तियों को नदी या समुद्र में विसर्जित करते हैं।
दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है दुर्गा पूजा एक समुदाय-आधारित त्योहार है और लोग इसे बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाते हैं। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें देवी दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद का अनुभव करने का अवसर देता है। दुर्गा पूजा का महत्व इस बात में निहित है कि यह लोगों को देवी दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद का अनुभव करने का अवसर देता है। देवी दुर्गा को शक्ति, ज्ञान और समृद्धि की देवी माना जाता है। वह लोगों को बुराई से बचाती है और उन्हें अच्छे जीवन का आशीर्वाद देती है। दुर्गा पूजा के दौरान, लोग देवी दुर्गा की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त करने की आशा करते हैं।
दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है: दुर्गा पूजा एक समुदाय-आधारित त्योहार है और यह लोगों को एक साथ लाता है। यह त्योहार लोगों को एकजुटता और भाईचारे की भावना देता है। दुर्गा पूजा के दौरान, लोग एक साथ मिलकर देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और भोजन और प्रसाद साझा करते हैं। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें एक समुदाय का हिस्सा होने का अहसास कराता है। दुर्गा पूजा एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो लोगों को देवी दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद का अनुभव करने का अवसर देता है। यह एक समुदाय-आधारित त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें एकजुटता और भाईचारे की भावना देता है।
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Durga Puja की शुरुआत किसने की थी?
नबाकृष्ण देब ने 1757 में शोभाबाजार राजबाड़ी में Durga Puja शुरू की। उन्होंने पूजा के लिए एक पैटर्न स्थापित किया यह त्योहार 16वीं शताब्दी में बंगाल में शुरू हुआ था। दुर्गा पूजा को बंगाली हिंदुओं द्वारा शक्ति की देवी दुर्गा की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार नौ दिनों तक चलता है और हर दिन देवी दुर्गा के एक अलग रूप की पूजा की जाती है। दुर्गा पूजा के अंतिम दिन, देवी दुर्गा की मूर्तियों को नदी या समुद्र में विसर्जित कर दिया जाता है।
दुर्गा पूजा बंगाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है और इसे पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें देवी दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद का अनुभव करने का अवसर देता है।
Durga Puja का इतिहास। History of durga puja in hindi
दुर्गा पूजा एक हिंदू त्योहार है जो शक्ति, या देवी दुर्गा की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह भारत, बांग्लादेश और नेपाल के कई हिस्सों में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। दुर्गा पूजा नवरात्रि के दौरान मनाया जाता है, जो नौ दिनों का एक त्योहार है जो हर साल सितंबर या अक्टूबर में आता है।
दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है दुर्गा पूजा का इतिहास बहुत पुराना है और इसकी शुरुआत का सही समय और स्थान ज्ञात नहीं है। कुछ विद्वानों का मानना है कि दुर्गा पूजा की शुरुआत 16वीं शताब्दी में बंगाल में हुई थी, जबकि अन्य का मानना है कि यह त्योहार बहुत पहले से ही मनाया जा रहा है।
दुर्गा पूजा का महत्व इस बात में निहित है कि यह लोगों को देवी दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद का अनुभव करने का अवसर देता है। देवी दुर्गा को शक्ति, ज्ञान और समृद्धि की देवी माना जाता है। वह लोगों को बुराई से बचाती है और उन्हें अच्छे जीवन का आशीर्वाद देती है। दुर्गा पूजा के दौरान, लोग देवी दुर्गा की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त करने की आशा करते हैं।
दुर्गा पूजा एक समुदाय-आधारित त्योहार है और यह लोगों को एक साथ लाता है। यह त्योहार लोगों को एकजुटता और भाईचारे की भावना देता है। दुर्गा पूजा के दौरान, लोग एक साथ मिलकर देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और भोजन और प्रसाद साझा करते हैं। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें एक समुदाय का हिस्सा होने का अहसास कराता है। दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है
दुर्गा पूजा एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो लोगों को देवी दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद का अनुभव करने का अवसर देता है। यह एक समुदाय-आधारित त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें एकजुटता और भाईचारे की भावना देता है।
Durga Puja की विधि
दुर्गा पूजा एक हिंदू त्योहार है जो शक्ति, या देवी दुर्गा की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह भारत, बांग्लादेश और नेपाल के कई हिस्सों में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। दुर्गा पूजा नवरात्रि के दौरान मनाया जाता है, जो नौ दिनों का एक त्योहार है जो हर साल सितंबर या अक्टूबर में आता है।
- पहले दिन, घर या मंदिर में देवी दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है।
- मूर्ति को साफ पानी से धोया जाता है और फूलों से सजाया जाता है।
- फिर, देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। पूजा में मंत्रों का जाप, आरती और भोग चढ़ाना शामिल होता है।
- दुर्गा पूजा के नौ दिनों के दौरान, लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। दुर्गा पूजा
- नवमी के दिन, देवी दुर्गा की मूर्ति को नदी या समुद्र में विसर्जित कर दिया जाता है।
दुर्गा पूजा एक समुदाय-आधारित त्योहार है और लोग इसे बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाते हैं। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें देवी दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद का अनुभव करने का अवसर देता है।
- दुर्गा पूजा एक नौ दिवसीय त्योहार है।
- देवी दुर्गा की पूजा हर दिन की जाती है।
- पूजा में मंत्रों का जाप, आरती और भोग चढ़ाना शामिल होता है।
- दुर्गा पूजा के नौवें दिन, देवी दुर्गा की मूर्ति को नदी या समुद्र में विसर्जित कर दिया जाता है।
- दुर्गा पूजा एक समुदाय-आधारित त्योहार है और लोग इसे बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाते हैं।
Durga Puja क्यों मनाया जाता है
दुर्गा पूजा, हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण उत्सव है जिसमें मां दुर्गा की पूजा और उनकी उपासना की जाती है। यह उत्सव प्रतिवर्ष शारदीय नवरात्रि के दौरान मनाया जाता है, जो चैत्र मास (अप्रैल-मई) और आश्विन मास (सितंबर-अक्टूबर) में आती है। आश्विन मास में मनाए जाने वाले दुर्गा पूजा को विशेष रूप से “शारदीय दुर्गा पूजा” कहा जाता है और यह उत्सव भारत के विभिन्न हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है।
दुर्गा पूजा के पीछे कई कथाएँ और महत्वपूर्ण धार्मिक आदान-प्रदान हैं, जिनमें मां दुर्गा की महाकाव्यिक लड़ाई दुर्गा देवी के विजय पर आधारित है। यह कथा कहती है कि महिषासुर नामक राक्षस ने स्वर्गों की सेना को जीतकर भूलोक का अधिकार हासिल किया और उन्होंने देवताओं को उनके आकार में बदल दिया। इस पर, भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वरी संयुक्त रूप में आकर मां दुर्गा की सृष्टि की, जिन्होंने देवताओं को शक्ति दी और महिषासुर के खिलाफ युद्ध किया। मां दुर्गा ने असुर को मार डाला और भूलोक को मुक्ति दिलाई।
इस उत्सव में, मां दुर्गा की मूर्तियों की पूजा की जाती है, जो नौ दिनों तक चलती है। यह उत्सव धार्मिक और सांस्कृतिक आयाम के साथ-साथ सामाजिक एकता और समरसता को भी प्रमोट करता है। यह एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो धार्मिक महत्व के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक सांठ-गांठ को बढ़ावा देता है।
दुर्गा जी का मंत्र क्या है?
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
Durga Puja स्टेटस,कोट्स,अनमोल विचार,संदेश।
- दुर्गा पूजा का ये पावन पर्व आपके जीवन में खुशियाँ और समृद्धि लेकर आए। माँ दुर्गा आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें।
- दुर्गा पूजा के इस पावन अवसर पर आप और आपका परिवार स्वस्थ और सुखी रहें। माँ दुर्गा की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे।
- दुर्गा पूजा आपके जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह लेकर आए। माँ दुर्गा आपको हर कदम पर सफलता दें।
- दुर्गा पूजा का ये पावन पर्व आपके जीवन में शांति और समृद्धि लेकर आए। माँ दुर्गा आपके सभी दुखों को दूर करें।
- दुर्गा पूजा के इस पावन अवसर पर आप और आपका परिवार खुशहाल रहें। माँ दुर्गा की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे।
- देवी दुर्गा शक्ति और ज्ञान की देवी हैं। वे हमें बुराई से दूर रखती हैं और हमें अच्छे जीवन का आशीर्वाद देती हैं।
- दुर्गा पूजा एक समुदाय-आधारित त्योहार है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें देवी दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद का अनुभव करने का अवसर देता है।
- दुर्गा पूजा एक शुभ त्योहार है। यह त्योहार हमें नए साल के लिए तैयार करता है और हमें नई ऊर्जा और उत्साह देता है।
- दुर्गा पूजा एक पावन त्योहार है। यह त्योहार हमें देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का अवसर देता है और हमें एक समृद्ध और खुशहाल जीवन जीने का आशीर्वाद देता है।
- दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं! आप और आपका परिवार इस पावन त्योहार का आनंद लें और देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करें।
- दुर्गा पूजा आपके जीवन में खुशियाँ, समृद्धि और शांति लेकर आए। माँ दुर्गा आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें।
- दुर्गा पूजा आपके जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह लेकर आए। माँ दुर्गा आपको हर कदम पर सफलता दें।
- दुर्गा पूजा का ये पावन पर्व आपके जीवन में शांति और समृद्धि लेकर आए। माँ दुर्गा आपके सभी दुखों को दूर करें।
- दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं! आप और आपका परिवार इस पावन त्योहार का आनंद लें और देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करें।
Durga Puja का महत्व। Impotence of Durga puja in hindi
दुर्गा पूजा में मां दुर्गा की महाकाव्यिक लड़ाई की पूजा की जाती है, जिसमें वे महिषासुर नामक राक्षस के खिलाफ युद्ध करती हैं और उन्हें परास्त करती हैं। यह एक पराक्रमी और शक्तिशाली देवी की महाकाव्यिक कथा को याद करने और उनकी महत्वपूर्णता को स्मरण करने का अवसर प्रदान करता है। दुर्गा पूजा नवरात्रि के उत्सव के रूप में मनाई जाती है, जिसमें नौ दिन तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है।
यह उत्सव धर्मिक आयाम को प्रमोट करता है और लोगों को उनके आध्यात्मिक स्वार्थ की दिशा में मोहित करता है। दुर्गा पूजा का उत्सव लोगों को सामाजिक सांठ-गांठ और एकता की भावना को प्रोत्साहित करता है। लोग उत्सव के दौरान एक-दूसरे के साथ मिलकर पूजा करते हैं, एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं और उत्सव की धूमधाम में एकसाथ आनंद उठाते हैं।दुर्गा पूजा भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न तरीकों से मनाई जाती है
और इसका स्थानीय और सांस्कृतिक महत्व होता है। राजस्थान में, दुर्गा पूजा को गरबा और धूप मेलों के साथ मनाया जाता है, जिसमें लोग रंगीन और धूमधाम से उत्सव का आनंद उठाते हैं।मां दुर्गा को शक्ति की प्रतीक माना जाता है और दुर्गा पूजा में उनकी आराधना की जाती है। यह उत्सव हमें शक्ति, साहस और सामर्थ्य के प्रतीक के रूप में मां दुर्गा की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है।
कोलकत्ता में दुर्गा पूजा कैसे मानते है
दुर्गा पूजा कोलकाता में एक बड़ा त्योहार है, जो बंगाली हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार नौ दिनों तक चलता है और हर दिन देवी दुर्गा के एक अलग रूप की पूजा की जाती है। दुर्गा पूजा के अंतिम दिन, देवी दुर्गा की मूर्तियों को नदी या समुद्र में विसर्जित कर दिया जाता है।
कोलकाता में दुर्गा पूजा का आयोजन सामुदायिक स्तर पर किया जाता है। लोग मिलकर पूजा स्थल बनाते हैं और देवी दुर्गा की मूर्तियों को स्थापित करते हैं। पूजा स्थल को फूलों, दीयों और अन्य सजावटों से सजाया जाता है। दुर्गा पूजा के दौरान, लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उन्हें भोग चढ़ाते हैं। वे देवी दुर्गा की कथाओं को सुनते हैं और भजन गाते हैं। दुर्गा पूजा के समापन पर, लोग देवी दुर्गा की मूर्तियों को नदी या समुद्र में विसर्जित करते हैं।
- कोलकाता में दुर्गा पूजा एक बड़ा और भव्य त्योहार है।
- यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें देवी दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद का अनुभव करने का अवसर देता है।
- पूजा स्थल को बहुत ही भव्य और आकर्षक तरीके से सजाया जाता है।
- पूजा के दौरान, लोग देवी दुर्गा की कथाओं को सुनते हैं और भजन गाते हैं।
- दुर्गा पूजा के समापन पर, लोग देवी दुर्गा की मूर्तियों को नदी या समुद्र में विसर्जित करते हैं