GPS kya Hai In Hindi? GPS Kaise Kaam Karta Hai : जीपीएस क्या हैं Gps kya Hai In Hindi जीपीएस का नाम तो लगभग सभी लोग जरूर सुने होंगे लेकिन जीपीएस क्या हैं GPS का क्या काम होता हैं इसके बारे में भी पूरी जानकारी होना हम सभी के लिए बहुत ही जरूरी है. टेक्नोलॉजी का आज के समय में बहुत ही ज्यादा विकास हुआ हैं जिससे किसी भी दूसरे लोकेशन को ट्रैक करना उसके बारे में जानकारी प्राप्त करना बहुत ही आसान हो गया हैं. यह सब कुछ जीपीएस से ही संभव हो पाया हैं तो आइए इस लेख में जीपीएस के बारे में हम लोग पूरी जानकारी नीचे विस्तृत रूप से जानते हैं.
आज के समय में तकनीक बहुत ज्यादा बदल चुकी है, ऐसे में आपको GPS Kya Hai In Hindi, और GPS Kaise Kaam Karta Hai इसके बारे में जरूर पता होना चाहिए। GPS (जीपीएस) स्मार्टफोन में स्तिथ एक ऐसा फीचर्स है, जिसका उपयोग प्रत्येक व्यक्ति को कभी ना कभी करना पड़ता ही है। हम पृथ्वी के किसी भी स्थान पर क्यों ना चले जाएँ।
GPS की मदद से हमारी लोकेशन का बहुत आसानी से पता लगाया जा सकता है। इस लेख में आपको इससे जुड़ी सभी जानकारी मिलने वाली है, जिसमे GPS System Kya Hai In Hindi, यह कैसे काम करता है और Gps Ka Full Form Kya Hai और भी कई जानकारियां इस लेख में शामिल है। तो आइये जानते है GPS Meaning in Hindi से जुड़ी पूरी जानकारी
Contents
- 1 जीपीएस का फुल फॉर्म क्या है (GPS Full Form in Hindi)
- 2 जीपीएस क्या है – GPS Kya Hai in Hindi
- 3 GPS का उपयोग (Uses of GPS)
- 4 GPS का इतिहास (History of GPS in Hindi)
- 5 GPS कितने प्रकार के होते हैं? (Types of GPS in Hindi)
- 6 क्या अपने देश का अलग Navigation System है
- 7 जीपीएस क्या काम आता है?
- 8 जीपीएस के भाग – Parts of GPS
- 9 GPS कैसे काम करता है? (How GPS Work?)
- 10 GPS के फ़ायदे – Advantages Of GPS In Hindi
- 11 GPS के नुक़सान – Disadvantages Of GPS In Hindi
जीपीएस का फुल फॉर्म क्या है (GPS Full Form in Hindi)
जीपीएस का पूरा नाम GPS – Global Positioning System है। और जीपीएस का हिंदी नाम वैश्विक स्थान-निर्धारण प्रणाली है। यह तीन खंडो से मिलकर बना है, अंतरिक्ष, उपयोगकर्ता, और नियंत्रण। इसका उपयोग नेविगेशन और समय की जानकारी के लिए किया जाता है।
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जीपीएस क्या है – GPS Kya Hai in Hindi
GPS एक radio navigation system है, GPS satellite द्वारा navigation व Operate होता है, यह पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों के प्रयोग पर based है, जो सूचनाओं को प्रसारित करता हैं व उपग्रहों और उपयोगकर्ता के बीच की दूरी को मापने का भी कार्य करता हैं। इसका उपयोग किसी टेक्निकल डिवाइस या फिर किसी इंसान का टेक्निकली रूप से लोकेशन पता करना होता है तब GPS की मदद ली जाती है।
GPS सिस्टम लगभग 24 अलग-अलग सैटेलाइट से ऑपरेट होता हैं तथा यह 24×7 लोकेशन बताने का कार्य करता है। वर्तमान समय में GPS सिस्टम का उपयोग जीपीएस रिसिवर को कई तरह से उपयोग किया जा रहा हैं, जैसे- ऑटोमोबाइल, स्मार्टफोन, हेल्थ सेक्टर, जीआईएम व स्मार्ट वॉच आदि।
सन 1960 में, सर्वप्रथम GPS का निर्माण सबसे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा विकसित किया गया था। पहले इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से अमेरिकी सैनिकों और सैन्य वाहनों के लिए किया गया था, उस समय GPS सिस्टम आम नागरिकों द्वारा उपयोग नहीं किया जा सकता था, लेकिन अगले कुछ दशक के बाद जीपीएस का इस्तेमाल स्वतंत्र रूप से आम नागरिकों हेतु कर दिया गया।
GPS का इस्तेमाल भूमि, समुद्र और वायु में मौसम की स्थिति के बावजूद ये सटीक भौगोलिक स्थानों की दूरी, समय और गति निर्धारित करने के लिए किया जाता है। वर्तमान समय में इसका उपयोग बड़े स्तर पर होने लगा है जैसे, विस्तार रूप से वाहनों को ट्रैक करने और एयरलाइंस, शिपिंग फर्मों, कूरियर कंपनियों, ड्राइवरों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक की सर्वोत्तम मार्ग को फॉलो करना इत्यादी खातिर इस्तेमाल किया जाता हैं।
GPS का उपयोग (Uses of GPS)
सामान्य तौर पर, जीपीएस के पांच प्रमुख उपयोग हैं:
- Location (स्थान) – स्थिति (Position) का निर्धारण।
- Navigation (नेविगेशन) – एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचना।
- Tracking (ट्रैकिंग) – वस्तु निगरानी या पर्सनल मूवमेंट|
- Mapping (मानचित्रण) – दुनिया के नक्शे बनाना
- Timing (समय) – सटीक समय को मापता हैं|
GPS का इतिहास (History of GPS in Hindi)
1973 में Global Positioning System (GPS) जिसे शुरू में NAVSTAR नाम दिया गया था, United States Department of Defense (USDD) द्वारा विकसित किया गया था। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, यह तकनीक मुख्य रूप से सैन्य उपयोग के लिए थी और बाद में 1980 के दशक के अंत में नागरिक उपयोग के लिए उपलब्ध कराई गई थी।
GPS तकनीक उन तीन लोगों की प्रगति और उन्नति का श्रेय देती है, जिन्हें वैज्ञानिक समुदाय द्वारा इस क्रांतिकारी तकनीक के आविष्कार के साथ स्पष्ट रूप से जुड़ा हुआ माना जाता है।
नौसेना अनुसंधान प्रयोगशाला के अंतरिक्ष अनुप्रयोग शाखा के पूर्व Roger L. Easton, विभिन्न इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों और प्रौद्योगिकियों के पीछे पागल थे, जिनके कारण GPS का विकास हुआ। जीपीएस के विकास में एक और चमकदार Ivan Getting थे, जो USA में Aerospace Corporation का संस्थापक अध्यक्ष थे।
सैटेलाइट सिस्टम को बढ़ाने के लिए श्रेय दिया जा रहा था ताकि वाहनों से लेकर मिसाइलों तक की पृथ्वी पर गतिमान वस्तुओं की ट्रैकिंग और निगरानी में सटीक डेटा सक्षम किया जा सके। जीपीएस क्षेत्र में एक और चमकदार Bradford Parkinson है, जिसे आमतौर पर ‘The Father of GPS‘ के रूप में जाना जाता है; Bradford अपने इंजीनियरिंग विकास और विकास के सम्बंध में जीपीएस के मुख्य डिजाइनर और implementer थे।
GPS कितने प्रकार के होते हैं? (Types of GPS in Hindi)
जीपीएस सिस्टम ट्रैकर्स
आम तौर पर, चार प्रकार के जीपीएस ट्रैकर उपलब्ध होते हैं जहां कुछ ट्रैकर्स का उपयोग वाहनों को ट्रैक करने के लिए किया जाता है और अन्य लोगों की निगरानी के लिए उपयोग किया जाता है।
1) Personal Trackers
ये ट्रैकर्स मुख्य रूप से लोगों/पालतू जानवरों की निगरानी के लिए उपयोग किए जाते हैं। आम तौर पर, ये ट्रैकर्स काम करने के लिए एक व्यक्तिगत उपकरण अर्थात् पॉकेट चिप का उपयोग करते हैं अन्यथा ब्रेसलेट। उसके बाद, डिवाइस को ऑन कर दिया जाता हैं। एक बार जब वे ऑन हो जाते हैं, तो ऑपरेटर डिवाइस को रिमोटली देख और ट्रैक कर सकते हैं।
कुत्तों के लिए उपयोग किए जाने वाले जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइसेस को जीपीएस से लैस कॉलर कहा जाता है। ये उपकरण कुत्तों जैसे पालतू जानवरों को ट्रैक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए ये कॉलर मन की शांति देते हैं क्योंकि मालिक अपने कुत्तों को लगातार ट्रैक रख सकते हैं।
2) Asset Trackers
एसेट ट्रैकर्स जैसे कि छोटे रेडियो चिप्स से लेकर बड़े सैटेलाइट टैग तक का उपयोग व्यक्तिगत ट्रैकर्स जैसी गैर-वाहन संबंधी वस्तुओं के लिए किया जाता है। चोरी को रोकने के लिए सुपरमार्केट में इस तरह की ट्रैकिंग का उपयोग किया जाता है। तो इसके लिए एक नया समाधान एसेट ट्रैकिंग है।
एक बार इन ट्रैकर्स का उपयोग करने के बाद, सुपरमार्केट में गाड़ी चोरी को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, कुछ ट्रैकर्स कार्ट के भीतर वस्तुओं को पहचानने, उन्हें खरीदार के लॉयल्टी कार्ड से मिलाने और विज्ञापन टीम के साथ शेयर करने के लिए उपयोग किया जाता हैं।
3) Cell-based Vehicle Tracking
इस प्रकार की ट्रैकिंग या तो उपग्रह/सेलुलर नेटवर्क के माध्यम से की जा सकती है जो लगभग निश्चित रूप से जीपीएस ट्रैकिंग के सबसे सामान्य प्रकारों में से एक है। उपग्रह ट्रैकिंग की तुलना में इस प्रकार की ट्रैकिंग का उपयोग अक्सर किया जाता है।
इस तरह की प्रणाली वाहन से डेटा कैप्चर करने के लिए एक डिवाइस का उपयोग करती है और उसके बाद सेल टावरों का उपयोग करके डेटा की रिपोर्ट करती है। उपग्रह ट्रैकिंग की तुलना में, इस प्रकार की वाहन ट्रैकिंग कम खर्चीली है और जल्दी रिपोर्ट करती है। आम तौर पर, डिलीवरी कंपनियां ग्राहक सेवा के वर्कफ़्लो को आसान बनाने के लिए जीपीएस ट्रैकिंग का उपयोग करती हैं, जैसे कि उनके वाहन को कॉल करना और अपने ग्राहकों को सूचित करने के लिए उनका स्थान पूछना।
4) Satellite-based Vehicle Tracking
सैटेलाइट-बेस्ड वाहन ट्रैकिंग की तुलना में, सेल-आधारित ट्रैकिंग सिस्टम ठीक से काम नहीं करेंगे क्योंकि सेल के टावरों पर किसी और का कब्जा होता है। सैटेलाइट ट्रैकिंग इस समस्या का सबसे अच्छा समाधान प्रदान करती है क्योंकि ये नेटवर्क सबसे रिमोट लोकेशन से अपडेट प्राप्त कर सकते हैं।
इस वक्त भारत का अपना navigation system है। इसे IRNSS यानी Indian regional navigation satellite system कहा जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो यह system geo location और time से जुड़ी information को GPS receiver तक पहुंचाने काम करता है।
इस system को nevigation satellite timing and raging भी पुकारा जाता है। यह location, navigation, tracking, mapping, timing आदि बेहद महत्वपूर्ण कार्यों में विशेष तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
जीपीएस क्या काम आता है?
1. Emergency Response में : जब कहीं पर emergency या प्राकृतिक विपदा होती है, तब पहले responders इस्तमाल करती हैं GPS का वो भी मौसम की mapping, following और predicting करने के लिए, और साथ में इसकी मदद से emergency personnel के ऊपर नज़र रखा जा सकता है उनकी safety के लिए.
2. Entertainment: GPS का इस्तमाल काफी सारे activities और games जैसे की Pokemon Go और Geocaching में किया जाता है.
3. Health और Fitness Technology में : Smartwatches और wearable technology का इस्तमाल किया जाता है track करने के लिए आपके fitness activity को (जैसे की कितने miles आपने run किया).
4. Construction: इसका इस्तमाल locating equipment में किया जाता है, जिससे की measuring और improving asset allocation को बेहतर किया जा सके, GPS tracking मदद करती है companies की उनकी return on assets को बढ़ाने के लिए.
5. Transportation: Logistics companies भी implement करती हैं telematics systems को जिससे की वो improve कर सकें driver productivity और safety को.
दुसरे industries जहाँ पर GPS का इस्तमाल किया जाता है उनमें शामिल हैं : कृषि, autonomous vehicles, sales और services, military, mobile communications, security, drones, और fishing.
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जीपीएस के भाग – Parts of GPS
GPS को 3 अलग-अलग भागों में बांटा गया है जो निम्न प्रकार नीचे दिये गये हैं
- Space Segment
यह अंतरिक्ष मे उपग्रहों को संदर्भित करता है। लगभग 15,000 मील की ऊँचाई पर पृथ्वी के चारों ओर छह कक्षीय (Orbits) भागों में लगभग 24 उपग्रह वितरित होते हैं, जो 12 घण्टे के अंतराल पर पृथ्वी का चक्कर लगाते रहते हैं।
- Control Segment
यह पृथ्वी पर बने ग्राउंड स्टेशनों को संदर्भित करता है। इसका प्रयोग उपग्रहों के रखरखाव, कंट्रोल और निगरानी के लिए किया जाता हैं।
- User Segment
यह उपयोगकर्ताओं को संदर्भित करता है, जो स्थिति और समय की गणना करने हेतु GPS उपग्रहों से प्राप्त नेविगेशन संकेतों का प्रयोग करते हैं। इसलिए इसे GPS Receivers कहते हैं।
GPS कैसे काम करता है? (How GPS Work?)
जीपीएस सिस्टम में पृथ्वी की सतह से लगभग 12,000 मील (19,300 किलोमीटर) ऊपर अंतरिक्ष में तैनात 24 उपग्रह शामिल हैं। वे हर 12 घंटे में एक बार पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं, जो लगभग 7,000 मील प्रति घंटे (11,200 किलोमीटर प्रति घंटे) की बेहद तेज गति से होती है। उपग्रहों को समान रूप से फैलाया जाता है ताकि चार उपग्रह विश्व में कहीं से भी सीधी रेखा के माध्यम से सुलभ हों।
प्रत्येक जीपीएस उपग्रह एक संदेश प्रसारित करता है जिसमें उपग्रह की वर्तमान स्थिति, कक्षा और सटीक समय शामिल होता है। एक जीपीएस रिसीवर कई सैटेलाइटों से प्रसारण को जोड़कर त्रिकोणासन नामक प्रक्रिया का उपयोग करके इसकी सही स्थिति की गणना करता है। रिसीवर के स्थान को निर्धारित करने के लिए तीन उपग्रहों की आवश्यकता होती है, हालांकि चार उपग्रहों का कनेक्शन आदर्श है क्योंकि यह अधिक सटीकता प्रदान करता है।
GPS उपकरण के सही ढंग से काम करने के लिए, उसे पहले उपग्रहों की आवश्यक संख्या के लिए एक कनेक्शन स्थापित करना होगा। रिसीवर की ताकत के आधार पर यह प्रक्रिया कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक कहीं भी हो सकती है। उदाहरण के लिए, एक कार की जीपीएस यूनिट आमतौर पर एक घड़ी या स्मार्टफोन में रिसीवर की तुलना में तेजी से जीपीएस कनेक्शन स्थापित करेगी।
अधिकांश जीपीएस डिवाइस जीपीएस डिटेक्शन को तेज करने के लिए कुछ प्रकार के स्थान कैशिंग का भी उपयोग करते हैं। अपने पिछले स्थान को याद करके, एक जीपीएस डिवाइस जल्दी से यह निर्धारित कर सकता है कि अगली बार जीपीएस सिग्नल के लिए स्कैन करने पर उपग्रह क्या उपलब्ध होगा।
GPS के फ़ायदे – Advantages Of GPS In Hindi
दोस्तों अभी हम लोग जीपीएस के कुछ सुविधा के बारे में बात करेंगे ।
1. Cheap
GPS का जो मूल्य है बहुत ही कम है अन्य डिवाइसों के मुकाबले अभी के टाइम पर हम लोगों को सस्ते फोन से लेकर बहुत महंगे फोन में भी जीपीएस देखने को मिलता है यह एक बहुत ही अच्छा बात है कि साधारण ग्राहक भी इस जीपीएस को इस्तेमाल कर पाएंगे ।
2. Easy to Use
जीपीएस को इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है कोई भी जीपीएस को बिना कोई प्रॉब्लम के इस्तेमाल कर सकता है जीपीएस को इस्तेमाल करने का प्रोसेस भी बहुत ही आसान है । जीपीएस को इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है इसको कोई बच्चा भी बहुत ही आसानी से इस्तेमाल कर पाएगा ।
3. Safety
आप लोग जब जीपीएस को इस्तेमाल करते हैं यह आपको बहुत सारे सुरक्षा भी प्रदान करता है अगर आप लोग किसी जगह पर फस गए हो और आपके पास आपका मोबाइल है आप आपको कोई भी जीपीएस के माध्यम से आपको ढूंढ पाएगा । सिर्फ यही नहीं अगर आपका फोन कहीं भूल गया है या फिर आपका फोन चोरी हो गया है तब जीपीएस के माध्यम से आपका फोन को बहुत जल्द ही ढूंढा जा सकता है ।
4. Military Usage
ज्यादा तौर पर जीपीएस को इस्तेमाल करता है आर्मी लोग मिलिट्री में जीपीएस का बहुत उपयोग है इसको इस्तेमाल करके ही । आर्मी लोग उनका दुश्मन को लोकेशन को ट्रैक करता है। जो पहले जीपीएस लांच हुआ था तब सिर्फ मिलिट्री लोग ही इसको इस्तेमाल करते थे पर उसके बाद धीरे-धीरे यह बहुत ही प्रचलित होने लगा और सभी मोबाइल और सभी यूजर्स के लिए यह मिलना चालू हुआ ।
5. Earthquake
देश पर किसी भी जगह अगर अर्थक्वेक होता है तो जीपीएस के माध्यम से बहुत जल्द ही यह पता चल जाता है । यही था कुछ सुविधा जीपीएस का आशा करता हूं कि यह सुविधा आप लोगों को बहुत ही सुविधा प्रदान करेगा और अगर आप लोगों क जीपीएस से जुड़ा हुआ कोई प्रश्न है तब आप लोग बेहिचक हमें कर सकते हैं ।
GPS के नुक़सान – Disadvantages Of GPS In Hindi
जैसे जीपीएस हम लोगों को बहुत सारा सुविधा देता है वैसे ही जीपीएस हम लोगों को बहुत सारा परेशानी भी देता है बहुत सारे मामलों में जैसे कि हो गया
1. जीपीएस हम लोगों को लोकेशन दिखाने में हेल्प तो करता है पर कभी-कभी यह हम लोगों को गलत लोकेशन भी दिखा देता है जो कि सही में एक परेशानी भी है ।
2. दूसरा जो प्रॉब्लम है वह है कि यह लोकल एरिया पर मतलब आप लोग अगर कोई छोटे से शहर में रहते हैं या फिर गांव में रहते हैं सब जीपीएस आप लोगों को सही से इंफॉर्मेशन नहीं दे पाता कि आप लोग कहां पर हैं कहां जाना जाता है यह गलत इंफॉर्मेशन देता है ।
3. जब आप लोग गाड़ी चलाते हैं तब कभी ना कभी जीपीएस आप लोगों को गलत रास्ता तो बताता ही है इस यह एक बहुत ही बड़ा इशू है ।
4. आपका प्राइवेसी को लेकर भी एक बहुत बड़ा इशू आता है बाहर जो की है बहुत सारा लोग आपका लोकेशन को भी ट्रैक कर सकता है इस जीपीएस को इस्तेमाल करके यह भी एक बहुत ही गंभीर प्रॉब्लम है ।
मुझे आशा है की मैंने आप लोगों को Gps kya Hai In Hindi? GPS Kaise Kaam Karta Hai के बारे में पूरी जानकारी दी और मैं आशा करता हूँ आप लोगों को Gps kya Hai के बारे में समझ आ गया होगा.
मेरा आप सभी से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा. मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ.
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