Sunday, April 14, 2024
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Internet Of Things In Hindi | Internet Of Things (IOT) Kya Hai?

Internet Of Things In Hindi | Internet Of Things (IoT) Kya Hai? : Hello दोस्तों स्वागत है आपका technicalbandu.com  के इस नए पोस्ट मैं जिसमें आप जानेंगे की Internet Of Things In Hindi | Internet Of Things (IoT) Kya Hai? की हर चीज़ के बारे मे जानेगे |

दोस्तों आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको Internet Of Things In Hindi यानि IoT के बारें बताने जा रहे हैं I वे सारे डिवाइस जो इंटरनेट से कनेक्ट रहकर एक दूसरे से Communicate करते हैं, वे सभी इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स यानि IoT की Category में आते हैं।

IoT Help से जोड़े गये सभी स्मार्ट डिवाइस एक दूसरे से Data भेजते है और एक दूसरे से Data प्राप्त कर सकते है इसमे आप अपने डिवाइस या उपकरण को इंटरनेट के साथ Link करके बाकि Devices से अपने अनुसार काम करवा सकते है। तो अगर आप भी IoT In Hindi या IoT Kya Hai के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं तो आप बिल्कुन सही पोस्ट पढ़ रहे है आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको IoT Meaning in Hindi से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे।

 

IoT Kya Hai?

IoT का पूरा नाम Internet Of Things है इसमे दैनिक जीवन में उपयोग की जाने सभी चीजें जो Switch के On और Off से कंट्रोल की जाती है उन सभी को इंटरनेट से एक दूसरे से कनेक्ट कर दिया जाता है। आपके दैनिक जीवन में उपयोग किये जाने वाले इन उपकरणों में आपका स्मार्ट फ़ोन, Coffee Makers, Washing Machine, Headphones, और Wearable Device और भी बहुत कुछ हो सकते है।

अगर हम इसे साधारण भाषा में समझे तो IoT ऐसा Concept है जिसमे चीजें(Things) एक दूसरे से या किसी दूसरे उपकरण के साथ Communicate कर सके इस शब्द का पहली बार उपयोग केविन एशटन द्वारा किया गया था। अब आगे हम आपको What is Sensor in IoT in Hindi और IoT Ecosystem in Hindi के बारे में बताएंगे।

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Examples Of IoT

  • इसका उदाहरण है cctv कैमरा जो कि वह आपके घर और factory में लगा हो तो उसे आप monitor करना चाहते हो तो उसे आप दुनिया मे कही भी बैठकर आप फुटेज को देख सकते हो और control कर सकते हो।
  • यह technology smart home में भी उपयोगी है। इसकी मदद से आप lights, fan ,home appliances को smartphones की मदद से control किया जा सकता है।
  • मान लो कि कोई car कंपनी XYZ है उसको जितनी भी car सडक पर चल रही है उसका performance चेक करना है तो वो कंपनी यह काम IoT की मदद से कर सकती है। कंपनी IoT की मदद से सारे data (जैसे कि RPM, engine oil level, और कई सारे ) को analysis करके उसकी performance चेक कर सकती है । अगर उसमे कोई प्रॉब्लम हो तो customer को फोन करके पहले से ही उसे ठीक कर सकती है।
  • Wearable technology जैसे कि स्मार्ट घड़ी, स्मार्ट शूज, स्मार्ट clothes आदि ये सभी उपकरण IoT के अंतर्गत आती है। अपने smart watch के बारे में तो सुना ही होगा। smart watch को आप अपने मोबाइल के साथ connect करके आप call receive, कॉल send, alarm, heart beat को measure करना और कई सारे काम कर सकते है। medical और health care क्षेत्र में आपने fitness band या smart watch का नाम सुना ही होगा और इसके अलावा भी कई सारे डिवाइस है जो आपके शरीर के मेडिकल data को बताती है।
  • Tracking and monitoring system of DHL – DHL एक courier कंपनी है उसमें tracking system हर एक movement से लेके packages को control करता है।
  • हाल ही में आपने RGB LED lights के बारे में सुना होगा। इसमे आप smart फ़ोन से Light के color को बदल सकते है।
  • Industry में भी इसका उपयोग बढ़ने लगा है। अगर कोई machine में खराबी होती है तो कही दूसरी जगह पर बैठे हुए engineer को पता चल जाता है।



IoT का इतिहास – History Of IoT

1970– जुड़े उपकरणों (connected devices) का वास्तविक विचार प्रस्तावित किया गया था|

1990– John Romkey ने एक toaster बनाया जिसे इन्टरनेट पर चालू/बंद (turned on/off) किया जा सकता था|

1995– Siemens ने M2M . के लिए निर्मित पहला सेलुलर मॉड्यूल पेश किया|

1999– “इन्टरनेट ऑफ थिंग्स (Internet of Things)” शब्द का इस्तेमाल केविन एश्टन (Kevin Ashton) ने P&G में अपने काम के दौरान किया था जिसे व्यापक रूप से स्वीकार किया गया था|

2004 – गार्जियन, बोस्टन ग्लोब और साइंटिफिक अमेरिकन जैसे प्रसिद्ध प्रकाशनों में इस शब्द का उल्लेख किया गया था|

2005- UN के अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ ( International Telecommunications Union (ITU)) ने इस विषय पर अपनी पहली रिपोर्ट प्रकाशित की।

2008– Internet of Things (IoT)का जन्म हुआ|

2011– मार्केट रिसर्च कंपनी गार्टनर ने अपने शोध में “The Internet of Things” तकनीक को शामिल किया|

IoT काम कैसे करता है? – How IoT Works in Hindi

इंटरनेट ऑफ थिंग्स को आधुनिक टेक्नोलॉजी द्वारा एडवांस बनाया जाता हैं। इंटरनेट ऑफ थिंग्स को इस्तेमाल के लिये computer और internet की सामान्य जानकारी होना आवष्यक है, क्योंकि यह एक नेटवर्किंग टेक्नोलोजी है। कोई भी व्यक्ति इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) की सहायता से अपने घर की डिवाइसो को इंटरनेट की मदद से एक साथ कनेक्ट कर सकते है जिससे आप उन सब डिवाइसो को कही से भी नियंत्रण कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल तब भी कर सकते है जब आपके mobile और devices के IP Address एक साथ उपकरण जुड़े हुए हों।

इसके इस्तेमाल करने के लिये उपकरणों को WiFi या Bluetooth के माध्यम से आपस में कनेक्ट किया जाता है। अब इन उपकरणों के बीच वायरलेस तकनीकी माध्यम से डाटा अथवा निर्देशों का आदान-प्रदान होता है। मशीन तकनीक अथवा कम्प्युटर प्रोग्रामिंग की मदद से इस तकनीकी को पुरी तरह ऑटोमेटिक भी किया जा सकता है, इसके लिये इसमे सेंसर का उपयोग किया जाता है।

उदाहरण- आप अपने घर में कंप्यूटर पर काम कर रहे है और किसी आपातकालीन परिस्थिती के कारण आपको बाहर जाना पड़ा, और इस जल्दबाजी में आप अपना कंप्यूटर बंद करना भुल जाते हैं। अपने घर से निकलने के कुछ समय बाद अचानक आपको याद आता है कि आप अपना कम्प्युटर बंद करना भुल गये है। इस परिस्थिती में इंटरनेट ऑफ थिंग्स आपके लिये एक उपयोगी तकनीक साबित हो सकती हैं।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स के माध्यम से आप जहां कहीं मौजुद हो वहां से अपने कम्प्युटर को शटडाउन कर सकते हैं। इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक का आपातकालीन परिस्थितीयों में विशेष योगदान है। यदि किसी मरीज को हॉस्पिटल में लाईफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा जाता है, और यदि अचानक मरीज का स्थिती बिगडने लगे तब इन परिस्थितीयों में मरीज की महत्वपूर्ण लक्षण को मॉनिटर करके किसी भी आपातकाल की सुचना तुरंत डॉक्टर तक पहुंचा देता हैं।



IoT अनुप्रयोग – IoT Applications

1. स्मार्ट थर्मोस्टैट्स (Smart Thermostats)

आपके उपयोग के पैटर्न (usage pattern) को जानकर आपको हीटिंग बिलों (heating bills) पर संसाधन (resource) बचाने में मदद करता है।

2. कनेक्टेड कार Connected Cars

IoT ऑटोमोबाइल कंपनियों को बिलिंग, पार्किंग, बीमा, और अन्य संबंधित सामान को स्वचालित रूप से संभालने में मदद करता है।

3. गतिविधि ट्रैकर्स (Activity Trackers)

आपकी कलाई पर हृदय गति पैटर्न, कैलोरी व्यय, गतिविधि स्तर और त्वचा के तापमान को पकड़ने में आपकी सहायता करता है।

3. स्मार्ट आउटलेट (Smart Outlets)

स्मार्ट आउटलेट दूर से किसी भी डिवाइस को चालू या बंद कर सकते हैं। यह आपको डिवाइस के ऊर्जा स्तर (device’s energy level) को ट्रैक करने और सीधे आपके स्मार्टफोन में कस्टम सूचनाएं प्राप्त करने की अनुमति देते है।

कौन कौन से devices IoT का हिस्सा बन सकते हैं ?

इसका बहुत ही आसान सा जवाब है की कोई भी चीज़ जिसे की connect किया जा सकता है उन्हें connect कर सकते हैं. कोई भी device, अगर उसमें on और off की switch हो तब chances हैं की वो IoT का हिस्सा बन सकते हैं. आम तोर से ये देखा गया है की connected devices के प्राय तोर से I.P address होते हैं.

वहीँ Internet Protocol Version 6 (IPv6), के होने से उन devices में IP address को assign करना बहुत ही आसान हो गया है. क्यूंकि इसके मदद से अनगिनत devices के साथ connect किया जा सकता है. ऐसे चीज़ें जिन्हें आप internet के साथ connect कर सकते हैं :

  • Connected Wearables – Smartwatches, Smart glasses, fitness bands etc.
  • Connected Homes – इसमें ऐसे उपकरण शामिल है जिन्हें की हम घर पर इस्तमाल करते हैं.
  • Connected Cars – vehicles जो की internet के साथ connect हो सकें.
  • Connected Cities – smart meters जो की आसानी से ये analyse कर सकते हैं water, gas, electricity के usage को

जिसे हम Operationally कह सकते हैं की ऐसे network जिनके भीतर बड़े आराम से Internet of things के उपकरण connect हो सकते हैं –

  • BAN (body area network): wearables,
  • LAN (local area network): smart home,
  • WAN (wide area network): connected car, and
  • VWAN (very wide area network): the smart city.

इस flow का key ये है की यहाँ data को control किया जा सकता है. ख़ास इसीलिए Google एक ऐसा Glass और Lens offer कर रहा है जो की NEST के साथ आपके heath data को synchronize कर देता है और Google Car जो की पुरे शहर में आपके location को track करे. इन सबके पीछे का idea ये है की आपको Google Cloud और उसके services को कभी छोड़ने की जरुरत ही नहीं. आपके products ही gateways है networks के साथ link करने के लिए.

Features of IoT in Hindi

Connectivity: कनेक्टिविटी का मतलब है कि IoT प्लेटफॉर्म से IoT का सभी उपकरणों के बीच एक अच्छा कनेक्शन स्थापित करना है जो सर्वर या क्लाउड हो सकता है। IoT उपकरणों को जोड़ने के बाद विश्वसनीय, सुरक्षित और कम्युनिकेशन के लिए उपकरणों और क्लाउड के बीच हाई स्पीड डाटा संचार की आवश्यकता होती हैं।

Analyzing: IoT उपकरणों को कनेक्ट करने के बाद, डिवाइस में इकठ्ठा हुए डाटा का वास्तविक समय में विश्लेषण करके उसको business intelligence निर्माण के लिए उपयोग करते हैं।

Artificial Intelligence: IoT टेक्नोलॉजी Hardware, Calculation और Software के एक साथ आता है जो IoT डिवाइसो को स्मार्ट बनाता है। ये वातावरण में अपनी क्षमताओं को बढ़ाता है जो उपकरणों को किसी विशेष स्थिति में बुद्धिमान तरीके से आउटपुट देने में आसानी होती है।

Sensing: IoT टेक्नोलॉजी में इस्तेमाल किये जाने वाले sensor device मौसम में होने वाले परिवर्तन का पता लगाते हैं और उसकी स्थिति के अनुसार डाटा रिपोर्ट करते हैं। IoT technology एक्टिव नेटवर्क को सक्रिय नेटवर्क बनाता है। Sensor के बिना IoT वातावरण की स्थिति का इफेक्टिव या सही पता नहीं लगा सकता हैं।

SecurityIoT devices सुरक्षा की नजर से स्वाभाविक रूप से असुरक्षित हैं क्योंकि कनेक्टिविटी डिवाइसो के माध्यम से संवेदनशील जानकारी को एंडपॉइंट से दूसरे डिवाइस तक इंटरनेट द्वारा पहुँचाया जाता है। इसलिए इससे सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं को भूलना एक प्रकार की गलती होगी। IoT System को बनाते समय बेहतर सुरक्षा, सुरक्षा सम्बन्धी उपायों और फायरवॉल का इस्तेमाल करना होता है ताकि data का दुरुपयोग और data का हेरफेर होने से दूर रखा जा सके।

IoT के लक्षण – Characteristics Of IoT In Hindi

IoT चार मुख्य मुलभूत घटक के साथ काम करता है-

Sensors: सेंसर अपने आस-पास के वातावरण से data एकत्रित करता है और इस एकत्रित data को साधारण तापमान की निगरानी से लेकर complex वीडियो भी प्रदान करता है। एक device में कई सेंसर लगे हो सकते हैं। सेंसर उदाहरण जैसे- GPS, Camera, Microphone, Temperature सेंसर आदि होते हैं।

Connectivity: Connectivity ट्रांसपोर्ट माध्यम का इस्तेमाल करके एकत्रित data को cloud पर भेजा जाता है। इसलिए सेंसर संचार के विभिन्न माध्यमों जैसे कि WiFi, Setellite Network, Bluetooth, Wide Area Network आदि द्वारा क्लाउड से कनेक्टेड होते हैं।

Data processing: Data processing में एकत्रित हुए डाटा cloud पर जाता है, सॉफ्टवेयर अधिग्रहण किये डाटा को प्रोसेसिंग करता है। यह बहुत आसान वस्तुओं से लेकर कुछ भी हो सकता है, जैसे उपकरणों पर temperature reading की जांच करना या बहुत कठिन वस्तुओं की पहचान करना इत्यादि।

User interface: डिवाइस की यूज़र्स इंटरफ़ेस पर जानकारी को end user के लिए एकत्रित की गई होती है। इसको alarm, text, email, message के जरिए सूचित किया जा सकता है। यदि दो डिवाइस आपस में कनेक्टेड हैं तो Actuators का इस्तेमाल किया जाता है।




IoT का उदाहरण – Internet of Things Examples in Hindi

Smart Lock
स्मार्ट लॉक को स्मार्ट वॉच या स्मार्ट फोन से कनेक्ट कर लेते हैं, और इन्ही उपकरणों की सहायता से इन स्मार्ट लॉक को लॉक और अनलॉक किया जाता हैं। इन्हे लॉक और अनलॉक करने के लिये अतिरीक्त चाभी की जरूरत नही होती है।

Automatic Car Tracking Adapter
Automatic Car Tracking Adapter कार से संबंधित जानकारियों को ट्रैक करता हैं। यह डिवाइस वाहन की रनिंग हावर्स, ईंधन खपत, माईलेज, इग्निषन ऑन-ऑफ संबंधित जानकारियों को ट्रैक करके वाहन मालिक को सुचित करता हैं।

Smart Thermostat
स्मार्ट थर्मोस्टेट घर की हिटींग और एयर कंडिशनरिंग के लिये उपयोगी हैं। इसे दिन भर के लिये सेड्यूल करके घर के तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं, इसके अतिरिक्त इसे सेंसर या किसी एडिशनल डिवाइस जैसे कि स्मार्ट वॉच या स्मार्ट फोन की मदद से भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं।

Activity Tracker
एक्टिविटी ट्रैकर को फिटनेस ट्रैकर नाम से भी जाना जाता है। इस IoT ऍप्लिकेशन को स्मार्ट वॉच या स्मार्ट फोन में इंस्टाल किया जाता हैं। यह हमारी दिन भर की गतिविधीयों कों मॉनिटर करता हैं जैसे चलना, दौडना तथा इसके आधार पर स्वास्थ्य संबंधित अवलोकन करता है, जैसे- पल्स रेट, कैलोरी एवं कोलेस्ट्रोल आदि।

Conclusion

दोस्तो दुनिया मे कई तरह की technology जो लोगो के लिए काफी फायदेमंद हो रही है और नुकशान भी कर रही है। ये depend करता है आपके ऊपर की आप उस टेक्नोलॉजी का उपयोग कैसे करते हो।

Technology की वजह से लोग अपने काम आसानी से कर पा रहे है लेकिन साथ मे हैम लोग उस पर depended होते जा रहे है। जिसे देखकर ऐसा लगता है कि आने वाले time में हम लोग पूरी तरह से इस technology के गुलाम बनने वाले है जो एक अच्छा संकेत नही है।

मुझे आशा है की आप लोगो को समझ आगया होगा की  Internet Of Things In Hindi | Internet Of Things (IoT) Kya Hai? दोस्तों अगर आपको मेरा ये Article अच्छा लगा हो तो Share जरूर करे | 

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