श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता है- जन्माष्टमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जो भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाता है। यह त्योहार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जो सितंबर या अक्टूबर के महीने में आता है। जन्माष्टमी के दिन, हिंदू लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।
वे भगवान कृष्ण के मंदिरों में जाते हैं और उनकी पूजा करते हैं। वे भगवान कृष्ण के भजन गाते हैं और कथाएँ सुनते हैं। जन्माष्टमी के दिन, हिंदू लोग मिठाईयां बांटते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।
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जन्माष्टमी क्या है
जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाता है। भगवान कृष्ण हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। वे भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं। भगवान कृष्ण को एक बालक के रूप में चित्रित किया जाता है, जो बांसुरी बजाता है और ग्वालियों के साथ खेलता है। भगवान कृष्ण को प्रेम, करुणा और दया का देवता माना जाता है।
वे सभी के लिए एक आदर्श हैं। जन्माष्टमी का त्योहार एक बहुत ही खुशी का त्योहार है। इस दिन, हिंदू लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। वे भगवान कृष्ण से प्रेम, करुणा और दया का आशीर्वाद मांगते हैं। वे भगवान कृष्ण से अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं।
जन्माष्टमी का त्योहार एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार हिंदुओं को भगवान कृष्ण के प्रेम और करुणा के बारे में याद दिलाता है। यह त्योहार हिंदुओं को एकता और भाईचारे के बारे में भी सिखाता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता है
श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता है श्री कृष्ण जन्माष्टमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जो भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाता है। यह त्योहार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जो सितंबर या अक्टूबर के महीने में आता है। जन्माष्टमी के दिन, हिंदू लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।
वे भगवान कृष्ण के मंदिरों में जाते हैं और उनकी पूजा करते हैं। वे भगवान कृष्ण के भजन गाते हैं और कथाएँ सुनते हैं। जन्माष्टमी के दिन, हिंदू लोग मिठाईयां बांटते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।
जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाता है। भगवान कृष्ण हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। वे भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं। भगवान कृष्ण को एक बालक के रूप में चित्रित किया जाता है, जो बांसुरी बजाता है और ग्वालियों के साथ खेलता है। भगवान कृष्ण को प्रेम, करुणा और दया का देवता माना जाता है। वे सभी के लिए एक आदर्श हैं।
जन्माष्टमी का त्योहार एक बहुत ही खुशी का त्योहार है। इस दिन, हिंदू लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। वे भगवान कृष्ण से प्रेम, करुणा और दया का आशीर्वाद मांगते हैं। वे भगवान कृष्ण से अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। जन्माष्टमी का त्योहार एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार हिंदुओं को भगवान कृष्ण के प्रेम और करुणा के बारे में याद दिलाता है। यह त्योहार हिंदुओं को एकता और भाईचारे के बारे में भी सिखाता है।
- भगवान कृष्ण की पूजा करना
- व्रत रखना
- मंदिरों में जाना
- भजन गाना
- कथाएँ सुनना
- मिठाईयां बांटना
- एक-दूसरे को बधाई देना
जन्माष्टमी का त्योहार एक बहुत ही पावन और शुभ त्योहार है। यह त्योहार हिंदुओं को भगवान कृष्ण के प्रेम और करुणा के बारे में याद दिलाता है। यह त्योहार हिंदुओं को एकता और भाईचारे के बारे में भी सिखाता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कथा – Shri Krishna Janmashtami Story
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कथा भगवान कृष्ण के जन्म की कहानी है। भगवान कृष्ण हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। वे भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं। भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। उनके पिता राजा उग्रसेन थे और माता देवकी थीं। भगवान कृष्ण के जन्म के समय, मथुरा के राजा कंस ने उन्हें मारने का आदेश दिया था। कंस को भविष्यवाणी मिली थी कि देवकी का आठवां पुत्र उसे मार देगा।
इसलिए, कंस ने देवकी और वसुदेव को जेल में डाल दिया। जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, तो वसुदेव उन्हें जेल से बाहर निकालकर गोकुल ले गए। गोकुल एक छोटा सा गांव था, जो मथुरा से कुछ मील दूर था। वसुदेव ने भगवान कृष्ण को यशोदा के घर रख दिया। यशोदा एक गौतम गोप थीं। उन्होंने भगवान कृष्ण को अपने पुत्र के रूप में पाला।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता हैभगवान कृष्ण ने गोकुल में अपना बचपन बहुत ही सुखपूर्वक बिताया। वे ग्वालियों के साथ खेलते थे और बांसुरी बजाते थे। वे बहुत ही चतुर और बुद्धिमान थे। उन्होंने कंस के कई अत्याचारों को भी रोका। एक दिन, भगवान कृष्ण ने कंस का वध कर दिया। कंस के वध से मथुरा के लोगों को बहुत खुशी हुई। उन्होंने भगवान कृष्ण को अपना राजा बना लिया। भगवान कृष्ण ने मथुरा में बहुत ही अच्छा शासन किया।
उन्होंने लोगों को सुख और समृद्धि प्रदान की। भगवान कृष्ण एक महान योद्धा, एक महान संगीतकार और एक महान दार्शनिक थे। उन्होंने लोगों को प्रेम, करुणा और दया का पाठ पढ़ाया। वे सभी के लिए एक आदर्श थे। भगवान कृष्ण का जन्म हिंदुओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है। वे भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। यह त्योहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है
श्री कृष्ण जन्माष्टमी इतिहास-Shri krishna Janmashtami History
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का इतिहास बहुत पुराना है। यह त्योहार भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाता है। भगवान कृष्ण हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। वे भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं। भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। उनके पिता राजा उग्रसेन थे और माता देवकी थीं। भगवान कृष्ण के जन्म के समय, मथुरा के राजा कंस ने उन्हें मारने का आदेश दिया था। कंस को भविष्यवाणी मिली थी कि देवकी का आठवां पुत्र उसे मार देगा। इसलिए, कंस ने देवकी और वसुदेव को जेल में डाल दिया।
जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, तो वसुदेव उन्हें जेल से बाहर निकालकर गोकुल ले गए। गोकुल एक छोटा सा गांव था, जो मथुरा से कुछ मील दूर था। वसुदेव ने भगवान कृष्ण को यशोदा के घर रख दिया। यशोदा एक गौतम गोप थीं। उन्होंने भगवान कृष्ण को अपने पुत्र के रूप में पाला। भगवान कृष्ण ने गोकुल में अपना बचपन बहुत ही सुखपूर्वक बिताया। वे ग्वालियों के साथ खेलते थे और बांसुरी बजाते थे।
वे बहुत ही चतुर और बुद्धिमान थे। उन्होंने कंस के कई अत्याचारों को भी रोका। एक दिन, भगवान कृष्ण ने कंस का वध कर दिया। कंस के वध से मथुरा के लोगों को बहुत खुशी हुई। उन्होंने भगवान कृष्ण को अपना राजा बना लिया। भगवान कृष्ण ने मथुरा में बहुत ही अच्छा शासन किया। उन्होंने लोगों को सुख और समृद्धि प्रदान की। भगवान कृष्ण एक महान योद्धा, एक महान संगीतकार और एक महान दार्शनिक थे।
उन्होंने लोगों को प्रेम, करुणा और दया का पाठ पढ़ाया। वे सभी के लिए एक आदर्श थे। भगवान कृष्ण का जन्म हिंदुओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है। वे भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। यह त्योहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पहला उल्लेख महाभारत में मिलता है। महाभारत में, भगवान कृष्ण को एक महान योद्धा और एक महान दार्शनिक के रूप में बताया गया है। उन्होंने लोगों को प्रेम, करुणा और दया का पाठ पढ़ाया। वे सभी के लिए एक आदर्श थे। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। लोग इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। वे मंदिरों में जाते हैं और भगवान कृष्ण के भजन गाते हैं।
वे मिठाईयां बांटते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार हिंदुओं को भगवान कृष्ण के प्रेम और करुणा के बारे में याद दिलाता है। यह त्योहार हिंदुओं को एकता और भाईचारे के बारे में भी सिखाता है।
Q:- हिंदू धर्म में कृष्ण कौन है?
कृष्ण हिंदू धर्म में भगवान विष्णु का आठवां अवतार हैं। वे हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। उनके पिता राजा उग्रसेन और माता देवकी थीं। कृष्ण का जन्म कंस के अत्याचारों को रोकने के लिए हुआ था। कंस कृष्ण को मारना चाहता था क्योंकि उसे भविष्यवाणी मिली थी कि कृष्ण ही उसे मारेगा। कृष्ण ने कंस को मार दिया और मथुरा में शांति स्थापित की।
कृष्ण एक महान योद्धा, एक महान संगीतकार और एक महान दार्शनिक थे। उन्होंने लोगों को प्रेम, करुणा और दया का पाठ पढ़ाया। वे सभी के लिए एक आदर्श थे। कृष्ण का जन्म हिंदुओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है। वे कृष्ण के जन्म का उत्सव जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। यह त्योहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
Q:-कृष्ण ने राधा से शादी क्यों नहीं की?
कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय प्रेम कहानियों में से एक है। हालांकि, यह कहानी एक दुखद कहानी है क्योंकि कृष्ण और राधा कभी भी एक साथ नहीं हो पाए। कहा जाता है कि कृष्ण और राधा बचपन के दोस्त थे। वे एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे, लेकिन उनका परिवार उनका विवाह नहीं चाहता था।
कृष्ण एक राजकुमार थे और राधा एक गड़रिया लड़की थी। कृष्ण के परिवार को नहीं लगता था कि राजकुमारी के लिए एक गड़रिया लड़की के साथ शादी करना उचित होगा।