Tuesday, March 26, 2024
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SOP Kya Hai ? | SOP Full Form In Hindi

SOP Kya Hai ? | SOP Full Form In Hindi :- जब भी किसी व्यक्ति कोई कंपनी ज्वाइन करता है, तो उसे कंपनी के नियमों और कायदों के बारे में जानकारी दी जाती है। उसके दायित्व से संबंधित पद पर काम करने, संबंधित प्रक्रियाओं और अन्य विवरणों के बारे में बताया जाता है। ऐसे व्यक्ति को इस संबंध में प्रशिक्षण भी दिया जाता है। जिस प्रक्रिया के तहत ये कार्य होता है, उसे SOP कहा जाता है। दोस्तों, अब आप पूछेंगे कि SOP की पूर्ण रूप क्या है? इसका वास्तविक मतलब क्या है? कंपनी को इसकी क्या आवश्यकता होती है? इसके क्या लाभ होते हैं? और यह कौन लिखता है? तो आज हम आपको इन सभी प्रश्नों का उत्तर इस पोस्ट के माध्यम से देंगे। चलिए, शुरू करते हैं |



Contents

SOP Kya Hai ? | What Is SOP ?

दोस्तों, SOP (SOP) का पूरा नाम है स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (Standard Operating Procedure)। इसे हिंदी में मानक संचालन प्रक्रिया भी कहा जाता है। साथियों, SOP एक ऐसा दस्तावेज़ या दस्ती होती है जिसमें किसी काम को करने के लिए सभी जानकारी स्टेप बाई स्टेप दी जाती है। किसी भी परियोजना के शुरू होने से पहले उसकी SOP तैयार की जाती है, ताकि परियोजना समय पर और त्रुटियों के बिना पूरी हो सके। कई बार, वर्तमान SOP में बदलाव की आवश्यकता होती है तो उसे संशोधित किया जाता है।

कई बार इसे नए सिरे से भी लिखा जाता है। दोस्तों, आपको बताना चाहेंगे कि किसी कंपनी में SOP सेल्स, मार्केटिंग, लेखा और ग्राहक सेवा जैसे वाणिज्यिक कार्यों में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए भी SOP तैयार की जाती है। सामान्य शब्दों में कहें तो इसमें कदम-दर-कदम लिखा होता है कि किसी कार्य को किस तरह, कब और कैसे करना है।

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SOP फुल फार्म | SOP Full Form

SOP (SOP) का फुल फॉर्म “Standard Operating Procedures (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर)” है तथा हिंदी में इसे एक मानक संचालन प्रक्रिया कहते है | SOP विभिन्न कम्पनियों द्वारा सेल्स, मार्केटिंग, एकाउंटिंग और कस्टमर सर्विस जैसे व्यवसायिक कार्यों में निरंतरता सुनिश्चित करनें के लिए एक मानक प्रक्रिया है |

SOP Full Form in English Standard Operating Procedures
SOP फुल फार्म इन हिंदी मानक संचालन प्रक्रिया



SOP कैसे लिखते हैं? | How To Write SOP?

दोस्तों, हमने आपको समझाया कि SOP क्या है। अब हम आपको बताएँगे कि एक SOP कैसे लिखते हैं। दोस्तों, बेशक सुनने में SOP लिखना आपको कोई बड़ा या कठिन कार्य लगे, लेकिन वास्तव में यह एक चेकलिस्ट के समान है। SOP लिखने की स्टेप-बाई-स्टेप प्रक्रिया इस प्रकार होती है-

1. SOP का फॉर्मेट चुनें | Select Sop’s Format

दोस्तों, सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि SOP लिखने का कोई भी तरीका सही या गलत नहीं होता। दोस्तों, यदि आपकी कंपनी का पसंदीदा SOP फॉर्मेट हो तो सबसे पहले आंख बंद करके उसी फॉर्मेट को टेम्पलेट की भांति इस्तेमाल कीजिए, लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो भी आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यहां हम आपको कुछ SOP फॉर्मेट की जानकारी देंगे, जो इस प्रकार होते हैं:

  • सरल फार्मेट (easy format) 

दोस्तों, यह फार्मेट छोटे-छोटे प्रोसीजर के लिए उपयोगी है। इस फार्मेट में मुख्य रूप से आवश्यक दस्तावेज़ीकरण और सुरक्षा मार्गदर्शिका के अलावा सरल, सीधे वाक्यों की एक बुलेट सूची होती है, जहां पाठक को ‘क्या करना चाहिए’ के संबंध में जानकारी दी जाती है।

  • हायरार्किकल फार्मेट (hierarchical format)

साथियों, यह फार्मेट आम तौर पर लंबे प्रोसीजर्स के लिए होता है। इसमें सरल फार्मेट से बिल्कुल उलट, 10 से अधिक मुख्य स्टेप्स होते हैं, जिनकी जानकारी पाठकों को विभिन्न सब-स्टेप्स (उप-स्टेप्स) के जरिए एक निश्चित क्रम में दी जाती है। इनके माध्यम से कुछ फैसले लिए जाते हैं, जिनके लिए व्याख्या और शब्दावली का उपयोग किया जाता है।

  • फ्लोचार्ट फार्मेट (flowchart format)

दोस्तों, यदि किसी प्रोजेक्ट का प्रोसीजर किसी नक्शे की भांति हैं, जिसमें कई संभावित नतीजे हो सकते हैं तो ऐसे में फ्लोचार्ट ही सबसे बेहतर फार्मेट होगा।

2. आवश्यक सामग्री कवर करें | Cover All The Necessary Things

मित्रों, SOP में आम तौर पर, प्रोसीजर के अलावा ये एलिमेंट्स (elements) आवश्यक रूप से कवर करें

  • टाइटल पेज (title page)।
  • प्रोसीजर का टाइटल (title of procedure)।
  • SOP आइडेंटिफिकेशन नंबर (SOP identification number)।
  • इशू/ रिवीज़न की तिथि (date of issue/revision)।
  • जहां SOP लागू होगी, उस एजेंसी/डिवीजन/ब्रांच का नाम (name of the agency/devision/branch in which SOP will be implemented)।
  • जिन्होंने SOP बनाया और एप्रूव किया उनका हस्ताक्षर (sign of the person who made and approved the SOP)।

3. सामग्री की सूची | Table Of Contents

दोस्तों, इसे पाठकों को संदर्भ के लिए दिया जाना आवश्यक है। लेकिन उसी स्थिति में, जबकि SOP बहुत बड़ा होता है। ऐसे में पाठकों को SOP पढ़ने में सहायता मिलेगी। इससे वे देख पाएंगे कि किस पेज पर कौन सा नियम लिखा है।




4. SOP का स्कोप एवं उपयोग | Scope And Use Of SOP

यहाँ आपको SOP के स्कोप और उपयोगिता का वर्णन मिलेगा। इसका अर्थ और प्रयोजन, इसकी सीमाएं, और इसका उपयोग कैसे किया जाता है, यह सब बताया जाएगा। इसमें नियमन, कंपनी की आवश्यकताएं, कर्मचारियों की भूमिका और जिम्मेदारियाँ, इनपुट-आउटपुट भी शामिल होंगे।

5. SOP का तरीका एवं प्रक्रिया | Methodology And Procedure Of SOP

दोस्तों, इसमें आपको सभी स्टेप्स को आवश्यक डिटेल्स के साथ लिस्टेड करना होगा। इसमें आवश्यक इक्विपमेंट्स भी शामिल करें। सीक्वेंस के प्रोसीजर और निर्णय लेने के कारण भी शामिल करिए।

6. टर्मिनोलॉजी का स्पष्टीकरण | Explanation Of Terminology

मित्रों, जो भी टर्मिनोलॉजी आप SOP में उपयोग कर रहे हैं, उसे स्पष्ट करना आवश्यक होगा। इसके साथ ही, सभी एक्रोनिम (acronym), एब्रिविएशन्स (abbreviations) और इस्तेमाल की गई सभी वाक्यांशों के बारे में भी बताएं।

7. स्वास्थ्य एवं सुरक्षा चेतावनी | Health And Safety Warnings

दोस्तों, कार्य के संबंध में जो भी स्वास्थ्य या सुरक्षा संबंधी खतरे हों, उनकी चेतावनी भी इसमें शामिल करें। आवश्यक स्टेप्स के साथ भी जहां इनकी संभावना हो, इन्हें जगह दें। नजरअंदाज न करें।

8. इक्विपमेंट एवं सप्लाई | Equipment And Supplies

मित्रों, कार्य के लिए जब भी कोई आवश्यक उपकरण चाहिए, उनकी पूरी सूची प्रदान की जाएगी। साथ ही, इन उपकरणों की उपलब्धता और मानक के बारे में जानकारी दी जाएगी। इनके संबंध में विवरण भी दिया जाएगा। इसके साथ ही, किसी भी गड़बड़ी की संभावना, ध्यान रखने वाली चीजों के बारे में सूचना दी जाएगी और वह क्या है जो आखिरी, आदर्श प्रोडक्ट में बाधा बना सकता है, उसे भी शामिल किया जाएगा।

9. गुणवत्ता सुनिश्चितता/गुणवत्ता नियंत्रण | Quality Assurance/Quality Control

दोस्तों, प्रोसीजर लिखने के बाद उसकी गुणवत्ता नियंत्रण करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसका मतलब है कि उसकी क्वालिटी की जांच की जानी चाहिए। जैसे कि क्या यह उन उद्देश्यों को पूरा करता है, जिसके लिए इसे लिखा गया है, आदि। ध्यान दें, मित्रों, कि एक प्रोसीजर को अच्छा नहीं कहा जा सकता जब तक उसकी जांच नहीं की जाती। इसलिए, मैं आपको उस सभी आवश्यक सामग्री और विवरणों के बारे में बता रहा हूँ, जिससे पाठक यह सुनिश्चित कर सकें कि उन्हें वांछित नतीजे मिल रहे हैं। इसमें परफ़ॉर्मेंस मूल्यांकन नमूना जैसे दस्तावेज़ भी शामिल हो सकते हैं।



10. देखे गए संदर्भ | Sighted Reference

दोस्तों, SOP में आपके द्वारा देखे गए महत्वपूर्ण संदर्भ सूची को भी सुनिश्चित करें। यदि आप स्वयं द्वारा लिखित SOP में किसी अन्य SOP का संदर्भ दे रहे हैं, तो ऐसे में सभी जानकारी को appendix में अवश्य संलग्न करें।

11. SOP एप्रूवल | Approval

यह SOP लेखन का आखिरी चरण है। ऑडिट ट्रेल की सुनिश्चितता के लिए SOP को एप्रूवल के लिए डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम (दस्तावेज़ प्रबंधन प्रणाली) का उपयोग करके भेजें। दोस्तों, यह प्रत्येक कंपनी में अलग-अलग तरीके से हो सकता है। आपकी उम्मीद होगी कि सब कुछ गाइडलाइंस और रेगुलेशंस (निर्देशिका और नियमों) के अनुसार हो।

12. हस्ताक्षर | Signature

SOP Approved के पश्चात आपको हस्ताक्षरों की आवश्यकता होगी। इन दिनों अधिकांश कंपनियों/संगठनों में electronic signature का प्रावधान है, जिन्हें स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

SOP Approved होने के पश्चात इसे लागू कैसे करते हैं? 

एक बार SOP एप्रूव हो जाने के बाद, आपको अपने SOP को लागू करना होगा। इसके लिए आप संबंधित कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करें। इसमें कक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण (क्लासरूम ट्रेनिंग) के साथ-साथ कंप्यूटर पर आधारित प्रशिक्षण (कंप्यूटर आधारित ट्रेनिंग) पर भी ध्यान दें। SOP से संबंधित पर्चे को विभिन्न स्थानों पर लगाएं। सुनिश्चित करें कि आपका SOP नवीनीकृत रहे।

यदि वह कभी पुराना हो जाए तो उसे अपडेट करें। उसके बाद इसे पुनः एप्रूव कराएं और उसका दस्तावेजीकरण करें। आवश्यकता होने पर इसे पुनः वितरित करें। आपकी टीम की सुरक्षा, उत्पादकता और सफलता इसी पर आधारित है।

SOP लिखते वक्त किन बातों का ध्यान रखें?

  • मुझे यह जानना आवश्यक होगा कि पाठकों का ज्ञान संबंधित कंपनी या संगठन और उसके प्रोसेस के बारे में कितना है। क्या उन्हें कंपनी की टर्मिनोलॉजी की जानकारी है? मैं SOP किसी भी भाषा में लिखूंगा ताकि वह पाठक के ज्ञान और समझ से मेल खाए।
  • मैं आपकी भाषा क्षमता को ध्यान में रखते हुए SOP लिखने से पहले सोचूंगा। यदि किसी को ऐसी आशंका है कि वे मेरी भाषा नहीं जानते हैं, तो मैं टेक्स्ट के साथ-साथ टिप्पणियों, चित्रों और सहायक डायग्राम का उपयोग करूंगा जब मैं SOP लिखता हूँ।
  • यदि आपके द्वारा लिखे गए SOP को एक ही समय में बहुत से लोग पढ़ेंगे, तो इस स्थिति में SOP दस्तावेज को एक नाटक में होने वाले संवाद की तरह प्रस्तुत करना बेहतर होगा। जैसे कि राम वर्क 1 को पूरा करेगा, उसके बाद कृष्ण वर्क 2 को करेगा, और इसी तरह आगे बढ़ते रहेंगे। इस तरीके से हर कोई जान सकेगा कि किसी प्रोजेक्ट या ऑपरेशन में उनका हिस्सा क्या है और उन्हें क्या करना है।

SOP के उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित रखिए

इनके अतिरिक्त SOP लिखते समय में बिंदु भी ध्यान में रखें-

  • SOP को संक्षिप्त और पढ़ने में आसान बनाएं। वाक्यों में उलझाव न हो। लंबे दस्तावेज पढ़ने व समझने में मुश्किल लगते हैं। अपने वाक्यों को जितना हो सके, छोटा रखें।
  • SOP में आप शब्द का इस्तेमाल न करें। हमेशा एक्टिव वॉइस में बात करें।
  • यदि SOP कई स्टेप्स में हो तो इसके बड़े हिस्सों को डायग्राम एवं फ़्लोचार्ट्स में बांट दें।
  • हर पेज के ऊपरी दाएं कोने में एक शॉर्ट टाइटल अथवा आईडी, रिवीज़न नंबर, तिथि एवं पेज नंबर हो।
  • प्रत्येक पेज पर कंट्रोल डाक्यूमेंट नोटेशन हो।
  • आवश्यक लगे तो इसमें फुटनोट भी रख सकते हैं।
  • स्टेप्स को समझाने के लिए सरल इंगलिश का इस्तेमाल करें।
  • जब भी संभव हो तब स्टेकहोल्डर्स को शामिल रखें।
  • यदि कंपनी पहले से कोई फार्मेट यूज कर रही हो तो वही टेंपलेट इस्तेमाल करें।
  • SOP की स्पष्टता की जांच करें। सुनिश्चित करें कि इसके अनेक interpretation न हो सकें।
  • किसी ऐसे व्यक्ति को प्रोसीजर दिखाइए, जिसे प्रोसेस की जानकारी न हो, उनका रिव्यू बताएगा कि आपका लिखा कितना समझ में आने वाला है।
  • SOP को अपने उच्चाधिकारियों को देने से पहले उन लोगों को दिखाएं, जो उस काम को कर रहे हैं अथवा करेंगे। इससे उन्हें लगेगा कि वे उस प्रोसेस के हिस्से हैं।
  • अब अपने SOP को क्वालिटी एश्योरेंस टीम द्वारा रिव्यू कराएं। वे बताएंगे कि रह फ़ारमेटिंग आवश्यकताओं को पूरा करता है या नहीं। क्या आपसे कुछ छूट गया है? अथवा उसे आधिकारिक सिस्टम में इनपुट करने का प्रोटोकॉल क्या है।



SOP क्यों आवश्यक है ? 

मित्रों, यह एक ऐसा सवाल है,जो हर व्यक्ति के दिमाग में उठता है। SOP जिन कारणों की वजह से आवश्यक है, वे इस प्रकार से हैं-

  • ट्रेनिंग डॉक्यूमेंट के रूप में।
  • उत्पादन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए।
  • कंपनी/संगठन की उत्पादकता में वृद्धि के लिए।
  • सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए।
  • कंप्लायंस स्टैंडर्ड का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए।
  • प्रोसीजर का कंपनी के वातावरण पर कोई बुरा असर न हो, ये सुनिश्चित करने के लिए।
  • सब कुछ तय शेड्यूल के अनुसार हो, यह सुनिश्चित करने के लिए।
  • निर्माण में नाकामी से बचने के लिए।

SOP के क्या क्या लाभ हैं ?

यदि किसी कंपनी के कर्मचारी एक ही कार्य को अलग अलग तरह से करेंगे तो जाहिर है कि उस कर्य को पूरा करने में अधिक समय लगेगा। वहीं, यदि किसी कार्य को एक निर्धारित प्रक्रिया द्वारा किया जाएगा तो उसमें समय एवं धन कम लगेगा। यही SOP का मुख्य लाभ है। इसके अतिरिक्त इसके अन्य लाभ इस प्रकार से हैं-

  • संगठन को कर्मचारी के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में मददगार।
  • समय एवं धन बचाने में सहायक।
  • कार्य का सुरक्षित वातावरण बनाने में मददगार।
  • संगठन के भीतर संचार यानी कम्युनिकेशन में सुधार।

किसी कंपनी में SOP बनाने की जिम्मेदारी किसकी होती है?

मित्रों, आपको बताना चाहिए कि किसी कंपनी में SOP लिखने की जिम्मेदारी किसकी होती है। यह व्यक्ति कर्मचारियों का नेतृत्व करता है, अर्थात् एक नेता/मुखिया होता है। वह उन्हें प्रशिक्षण देने का कार्य भी करता है, अर्थात् एक प्रशिक्षक होता है। SOP को लिखने का कार्य केवल एक व्यक्ति करता है। अन्य लोग सिर्फ SOP की समीक्षा करते हैं और इसमें योगदान देते हैं।

SOP को अन्य किन नामों से पुकारा जाता है?

मित्रों, SOP की फुल फॉर्म एवं उसका अर्थ हम आपको ऊपर बता चुके हैं। लेकिन आपको यह भी बता दें कि इसे कुछ अन्य नामों से भी जाना जाता है, जो कि इस प्रकार से हैं-

डब्ल्यूआई (WI) SOP को डब्ल्यूआई (WI) के नाम से भी जानते हैं। इसकी फुल फॉर्म वर्क इंस्ट्रक्शन (Work Instruction) होती है। दोस्तों, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट, है यह कार्य संबंधी निर्देश होते हैं।

एसSOP (SSOP)दोस्तों, इसकी फुल फॉर्म सेफ स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर (safe standard operating procedure) है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है इसमें SOP को सुरक्षा साथ जोड़ दिया गया है।

पीसीएस (PCS) यदि किसी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट (manufacturing unit) में SOP लागू होती है तो उसे पीसीएस (PCS) यानी फार्म प्रोसेस कंट्रोल स्टैंडर्ड (pharm process control standard) के नाम से जाना जाता है।

एसडब्ल्यूएस (SWS)दोस्तों, यदि बात असेंबलिंग यूनिट (assembling unit) की करें तो वहां SOP को एसडब्ल्यूएस (SWS) के नाम से पुकारा जाता है। इसकी फुल होती है-स्टैंडर्ड वर्क शीट (standard work sheet)।




FAQs SOP Kya Hai ? | SOP Full Form In Hindi

एसओपी (SOP) की फुल फॉर्म क्या है?

एसओपी SOP की फुल फॉर्म स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (standard operating procedure) है।

एसओपी का क्या अर्थ है?

एसओपी (SOP) एक ऐसा दस्तावेज अथवा डॉक्यूमेंट (document) होता है जिसमें किसी काम को करने के लिए सारी जानकारी स्टेप बाई स्टेप दी होती है।

किसी कंपनी के लिए एसओपी क्यों आवश्यक है?

किसी भी कार्य को नियम कायदों के अनुसार निर्धारित समय में पूरा करने के लिए एसओपी आवश्यक है।

कंपनी में एसओपी कौन लिखता है?

कंपनी में एसओपी लिखने का जिम्मा लीडर अथवा ट्रेनर के पास होता है।

Conclusion

अगर आप किसी कंपनी के मालिक है तो आपके लिए यह जानकारी उपयोगी साबित हो सकती है क्योंकि यहाँ हमने SOP के बारे में विस्तार से बात की है जैसे, SOP Kya Hai , क्यों आवश्यक है, इसका फायदा और महत्व क्या है आदि।

साथ ही, हमने आपको SOP full form के बारे में बताया। हमें उम्मीद है इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको SOP के बारे में पूरी जानकारी मिल गयी होगी।

 

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