UPS Kya Hai? | Types of UPS In Hindi : Hello दोस्तों स्वागत है आपका technicalbandu.com के इस नए पोस्ट मैं जिसमें आप जानेंगे की UPS Kya Hai? और यह कैसे काम करता है क्या आपको पता है की UPS क्या है (What is UPS in Hindi)? क्यूँ इसका इस्तमाल किया जाता है और ये कितने प्रकार के हैं? यदि आप एक Computer user हो तब तो यूपीएस के विषय में शायद आपको पहले से पता हो क्यूंकि इसका इस्तमाल सबसे ज्यादा Computers में ही किया जाता है.
लेकिन यदि पूरी जानकारी न भी हो तो घबराने की जरुरत नहीं है क्यूंकि आज के इस article में हम यूपीएस क्या है के सभी जानकारी आपको प्रदान करने की कोशिश करेंगे.
Contents
- 1 UPS क्या हैं? – UPS Kya Hai in Hindi?
- 2 UPS काम कैसे करता है
- 3 यूपीएस के प्रकार – Types Of UPS In Hindi
- 4 भारत के प्रमुख कंप्यूटर यूपीएस निर्माता
- 5 UPS System के फायदे
- 6 UPS और Inverter में क्या अंतर है
- 7 Technically, इन दों में क्या Difference है
- 8 यूपीएस के क्या लाभ हैं
- 9 यूपीएस के क्या हानि हैं
- 10 यूपीएस में कितने भाग होते हैं
- 11 Conclusion
UPS क्या हैं? – UPS Kya Hai in Hindi?
यूपीएस का फुल फॉर्म – Uninterruptible Power Supply होता है. किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में हम Alternative power source के रूप में यूपीएस का उपयोग करते हैं. यूपीएस कंप्यूटर सिस्टम को अचानक से पावर बंद होने पर पावर सप्लाई करता है. यूपीएस में कई इलेक्ट्रिकल पार्ट्स के साथ-साथ बैटरी भी जोड़ी जाती है यानी कि यूपीएस का उपयोग तब होता है जब किसी भी डिवाइस में इलेक्ट्रिकल सप्लाई अचानक से बंद हो जाती है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें आपको बाजारों में कई सारे प्रकार के और कई बड़े साइज के यूपीएस उपलब्ध हो जाएंगे जिनकी पावर कैपेसिटी 24 घंटों से 48 घंटों तक भी हो सकती है अगर इसे दूसरे सरल शब्दों में समझें तो दोस्त यूपीएस मूल रूप से बैटरी के साथ एक इन्वर्टर होता है. जिसका प्रयोग इलेक्ट्रिकल डिवाइस जैसे कि कंप्यूटरों आदि के लिए बैटरी बैकअप प्रदान करने के लिए किया जाता है. कई प्रकार के यूपीएस, वोल्टेज रेगुलेशन के साथ भी आते हैं. यूपीएस बैटरी को चार्ज करता है और अचानक से पावर सप्लाई बंद होने पर सिस्टम को इलेक्ट्रिकल बैकअप देता है
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UPS काम कैसे करता है
UPS Computer को 4 तरीको से सुरक्षा प्रदान करता है जैसे कि –
- Voltage Surges and Spikes
- Voltage Sags
- Totals Power Failure
- Frequency Difference
Voltage Surges and Spikes
Computer में Electrical का प्रवाह कई बार बहुत ज्यादा होता है तो उस वक़्त UPS Electrical के उस प्रवाह को सहन करके Computer तक उचित Electrical प्रवाहित करता है.
Voltage Sags
बहुत सी बार ऐसा भी होता है कि जब Electrical का प्रवाह कम होता है और वो आपके Computer के काम करने के लिए Suitable नही होता है. यूपीएस क्योकि एक ऐसी Machine है जो आपके Computer को Electrical Power Supply करता है तो उस Situation में भी ये आपके Computer को उचित Electrical बना कर प्रवाहित करता है.
Totals Power Failure
यूपीएस का उपयोग इसीलिए किया जाता है कि अचानक Electrical पॉवर के चले जाने के बाद आपको इतना समय मिल सके कि आप अपने Data को Save कर सको.
Frequency Difference
दोस्तों कभी कभी Electrical कम या ज्यादा हो जाती है इसी को Power Oscillation कहते है जिसका मतलब होता है कि विधुत पॉवर का कम या ज्यादा होते रहना. इस Situation में Computer को सबसे ज्यादा हानि पहुँच सकती है. इस Situation मे Computer का Motherboard भी ख़राब हो सकता है साथ ही Computer की Display भी ख़राब हो सकती है. लेकिन अगर आप Computer मे UPS का उपयोग करते हो तो UPS Computer को इस तरह के सभी नुकसान से Safe रखता है.
यूपीएस के प्रकार – Types Of UPS In Hindi
यूपीएस के बहुत सारे प्रकार उपलब्ध है. लेकिन नीचे हमने कुछ खास प्रकार के यूपीएसो का वर्णन किया है
- Standby UPS
- Line Interactive UPS
- Standby Online Hybrid UPS
Standby UPS
Standby UPS एक सामान्य प्रकार का यूपीएस होता है जो कि आपको अपने पर्सनल कंप्यूटरों में देखने को मिलता है. स्टेबल यूपीएस का प्रयोग तब किया जाता है जब सिस्टम में पावर बंद हो जाए. पावर बंद होने पर Standby UPS कंप्यूटर में Consumed power को Supply करता है
Line Interactive UPS
Line Interactive UPS एक Designing UPS है. जिसका इस्तेमाल बिजनेस, वेब और सर्वर में किया जाता है इसमें एसी पावर कन्वर्टर को यूपीएस के आउटपुट के साथ जोड़ा जाता है. इस यूपीएस को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से प्रयोग किया जाता है. इस प्रकार के यूपीएस का उपयोग छोटे व्यवसाय में अधिक होता है. जब सिस्टम में इनपुट पावर नहीं जा पाती है तो ट्रांसफर स्विच खोलकर इन यूपीएसओ की मदद से सिस्टम में पावर को Supply किया जाता है
Standby Online Hybrid UPS
Standby Online Hybrid को on-line ups भी कहते हैं इस प्रकार की यूपीएस का इस्तेमाल 10 kva के अंतराल में किया जाता है यानी कि इस प्रकार के यूपीएसओ में हाइब्रिड 10 kva ही इस्तेमाल किया जाता है. इन यूपीएसओ में बैटरी के साथ स्टैंडबाय कन्वर्टर स्विच On किया जाता है. Standby Online Hybrid UPS में बैटरी को चार्ज करने वाला चार्जर Line Interactive UPS की तुलना में बहुत छोटा होता है
भारत के प्रमुख कंप्यूटर यूपीएस निर्माता
- APC
- Microtek
- Intex
- Circle Power backup
- Artis UPS
- Zebronics
- Luminous UPS
- V-GUARD
- iBall Nirantar UPS.
UPS System के फायदे
1) यूपीएस, बिजली चले जाने पर भी इससे connected equipment को continuity अर्थात निरंतरता प्रदान करता है.
2) Electricity में होने वाली सभी गड़बड़ियों जैसे surges, spikes, dips और failure के खिलाफ protection देता है.
3) इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के Internal system को clean power मिल पाए इसके लिए UPS में filter के द्वारा power को refine करके load तक दिया जाता है.
4) एक UPS गंभीर मौसम में lighting strikes के against होने वाले damage से भी उपकरणों को protect करता है.
5) यूपीएस power supply में होने वाली fluctuations को detect करके तुरन्त switch के माध्यम से धारा प्रवाह को आवश्यकता अनुसार बदलता रहता है.
UPS और Inverter में क्या अंतर है
वैसे देखा जाये तो UPS और Inverter में बहुत अंतर है इसलिए मैंने दोनों के अंतर को निचे आपके समझने के लिए अच्छे से विस्तार में समझाया है.
Technically, इन दों में क्या Difference है
Uninterruptible power supply (UPS) जहाँ पर continuous power supply प्रदान करता है जब power cut होता है. वहीँ Inverter circuit केवल battery के DC current को AC में convert करता है और supply करता है.
Practically, इन दों में क्या Difference है
तो चलिए जानते हैं की कैसे ये दोनों practically अलग अलग है :-
1. UPS: Uninterruptible power supply (यूपीएस) हमें power प्रदान करती हैं जब power cut होता है. इसे मुख्य रूप से desktop computers में backup के हिसाब से इस्तमाल किया जाता है.
2. Inverter: ये एक power backup solution है. इसकी total unit में तीन component होते हैं the charges (जो की आपके घर को electricity प्रदान करती है), battery और Inverter circuit जो की DC battery current को electricity में बदलती है. इसे Mainly इस्तमाल किया जाता है backup power पुरे घर को supply करने के लिए.
3. UPS का इस्तमाल मुख्य रूप से system के backup के हिसाब से किया जाता है. अगर आप अपने desktop computer को इससे connect करें तब अगर कुछ भी power loss होता है तब बस 1 microsecond में ही backup power start हो जाता है.
4. Inverter computer backup के लिए suitable नहीं है क्यूंकि इसमें switching में delay होता है. जिससे computer crash हो सकता है जिससे data loss होने क खतरा होता है. इसके अलवा इससे motherboard और hard disk के लिए भी खतरा है.
5. यूपीएस केवल 10 से 20 minutes के लिए backup प्रदान कर सकता है. क्यूंकि इसका The main intention ही है की छोटे समय के backup प्रदान करना जिससे की ये programs और data को save कर सकता है. वहीँ Inverters का purpose है की वो पुरे घर को power backup प्रदान सके.
6. Inverter में flat plate और tubular battery का इस्तमाल होता है electricity store करने के लिए. इसमें continuous maintenance की जरुरत होती है जैसे की distilled water को भरना regular intervals में.
Feature | UPS | Inverter |
कहाँ इस्तमाल होता है | Desktop Computer को backup प्रदान करती है | घर के दुसरे instruments जैसे की TV Fans lights को power प्रदान करती है |
Switch होने के लिए कितना समय लगता है | Negligible | Microsecond |
Backup time | 10 से 20 minutes | 3 से 4 घंटे battery पर निर्भर करता है |
Maintenance | nmaintainence | समय समय में पानी भरना होता है |
कीमत | 2000 से 6000 | 10000 से 40000 तक |
यूपीएस के क्या लाभ हैं
– Maintenance of Power –यूपीएस का सबसे पहला और ख़ास लाभ यही है कि ये आपके computer में प्रवाहित होने वाली power को नियंत्रित करता है.
– Continuity of Operation – इसमें यह एक खास बात है की ये लगातार काम करता रहता है जिसका मतलब है की power के cut होने से भी ये निरंतर का करता रहता है और power backup प्रदान करता है.
– Surge Protection – ये आपके कंप्यूटर को current fluctuation से होने वाली हर तरह की हानि से बचाता है. इसके लिए ये कंप्यूटर में आने जाने वाली विधुत को control करता है.
– Line Interactive UPS – ये आपके कंप्यूटर को एक संतुलित (controlled) विधुत को प्रवाहित करता है और current के चले जाने के बाद भी ये आपको इतना समय देता हाई कि आप अपने कार्य को save कर सकें. जिससे data और device का loss नहीं होता है.
– Emergency Power Source:- UPS emergency के समय में बहुत अच्छे Power Source की तरह कार्य करता है. जब Main Power off हो तो आप UPS/inverter के उपयोग से अपने घर के बिजली का इस्तमाल कर सकते है. इसलिए UPS एक बेहतरीन Emergency Power Source होता है|
– NData Loss :-अचनाक कंप्यूटर Shut Down होने से कंप्यूटर के Data Loss होने के पुरे chances होते है | UPS के होने पर इस बात का डर दूर हो जाता है कि अगर Power चले गयी तो Data Loss हो जाएगा | UPS Light चले जाने के बाद आसानी से कुछ समय तक power supplyकरता है कि आप आसानी से अपने data को save कर सकते हैं और कंप्यूटर को Shut Down कर सके |
यूपीएस के क्या हानि हैं
– Start Up Cost – अगर आप Standby UPS का इस्तेमाल करना चाहते हो तो ये आपको काफी महंगा पड़ता है. इसका मतलब है की शुरुवात में UPS की installation cost थोड़ी ज्यादा होती है.
– Infrastructure – Infrastructure के हिसाब से UPS का इस्तेमाल होता है. इसलिए जितनी बड़ी infrastructure है उतनी ही बड़ी और ज्यादा battery का इस्तमाल होता है.
– Maintenance Cost – UPS की बैटरी बहुत समय के लिए काम नही करती और कुछ समय के बाद ख़राब हो जाती है जिसके बाद आपको इसकी पुरानी बैटरी को पूरी तरह से बदल कर एक नयी बैटरी का इस्तेमाल करना होता है. इसके साथ समय समय पर इस battery को maintenance की भी जरुरत होती है.
यूपीएस में कितने भाग होते हैं
Parts Of UPS in Hindi
मुख्य रूप से UPS में निम्नलिखित एलिमेंट होते हैं, जो ब्लॉक डाइग्राम में दिखाए गए हैं:
- Rectifier (Battery Charger )
- Battery
- Inverter
- Static Switch or Contactor
Rectifier
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि rectifier का मुख्य फंक्शन AC को DC में कन्वर्ट करना हैं। इसे बैटरी चार्ज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं और यह इन्वर्टर सर्किट में फिड़ होता हैं। इसका आउटपूट, लोड की आवश्यकता पर निर्भर करता है।
Battery
बैटरी एनर्जी स्टोर करती हैं, जिसका इस्तेमाल मुख्य पावर फेल होने पर भविष्य के उपयोग के लिए किया जाता हैं। यह बैटरी लीड एसिड या आवश्यकता के अनुसार किसी अन्य प्रकार की हो सकती है।
Inverter
यह rectifier प्रोसेस के उलट करता हैं। यह लोड के उपयोग के लिए आनेवाले DC सप्लाई को AC में कन्वर्ट करता हैं। इन्वर्टर का आउटपूट साइनवेव होता हैं। यह D.C. को constant frequency और amplitude के A.C में कन्वर्ट करता हैं।
Static Switch or Transfer Switch
पावर के सोर्स को ट्रांसफर करने के लिए एक स्टैटिक स्विच या ट्रांसफर स्विच की आवश्यकता होती है। इस ऑपरेशन का समय बहुत फास्ट होता हैं। आम तौर पर, 10 मिली सेकेंड के अंदर स्विचिंग करने वाले स्विच का उपयोग किया जाता है।
Conclusion
दोस्तों मैं उमीद करता हूँ की इस आर्टिकल “UPS kya hai” में दिए गए जानकारी को पढ़ कर आपको UPS के बारे में सही जानकारी मिला होगा। मुझे लगता है की आपके मन में UPS को लेकर जो भी सवाल होगा उसका जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल गया होगा।
मुझे उमीद है की ये आर्टिकल “UPS kya hai” आपको अच्छा लगा होगा, गर ये आर्टिकल आपको अच्छा लगा और आपको लगता है की ये जानकारी महत्वपूर्ण है तो आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिये ताकि उन्हें भी UPS की पूरी जानकारी मिल सके। इस आर्टिकल UPS kya hai को शुरू से लेकर यहाँ तक पढने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।